Shekhawati University,Sikar

Sunday 24 April 2016

Temples of prayag

Temples of prayag:प्रयाग के मंदिर

Prayag has been known as the greatest pilgrimage since the Rig-Veda era. The basic reason is the confluence of two holiest rivers in India – the Ganga and the Yamuna. It is said one who dies at the Sangam is freed from the cycle of re-birth and attains salvation. The Mahabharat, Agnipuran, Padam Puran and Surya Puran also mention Prayag as the holiest of all pilgrimages. Vinay Patrika mentions that Gautam Buddha too had traversed through Prayag in 450 B.C.
ऋग वेद के समय से ही प्रयाग को सबसे पवित्र तीर्थस्थान माना जाता है ।इसका मुख्य कारण यहाँ पर गंगा यमुना के संगम का होना है ।ऐसा माना जाता है कि संगम के किनारे मृत्यु होने से मानव जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है और मोक्ष को प्राप्त करता है ।महाभारत, अग्निपुराण,पदमपुराण और सूर्यपराण में भी प्रयाग को पवित्र तीर्थस्थान माना गया है ।विनय पत्रिका में ऐसा उल्लेख किया गया है कि गौतम बुद्ध ने पराया की यात्रा ४५० ईसा पूर्व में की थी ।

भारद्वाज आश्रम

भारद्वाज आश्रम कोलोनगंज इलाके में स्थित है ।यहाँ ऋषि भारद्वाज ने भार्द्वाजेश्वर महादेव का शिवलिंग स्थापित किया था, और इसके अलावा यहाँ सैकड़ों मूर्तियांहैं उनमें से महत्वपूर्ण हैं: राम लक्ष्मण, महिषासुर मर्दिनी , सूर्य, शेषनाग, नर वराह । महर्षि भारद्वाज आयुर्वेद के पहले संरक्षक थे । भगवान राम ऋषि भारद्वाज के आश्रम में उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आये थे । आश्रम कहाँ था यह अनुसंधान का एक मामला है, लेकिन वर्तमान में यह आनंद भवन के पास है ।यहाँ भी भारद्वाज, याज्ञवल्क्य और अन्य संतों, देवी - देवताओं की प्रतिमा और शिव मंदिर है । भारद्वाज वाल्मीकि के एक शिष्य थे ।यहाँ पहले एक विशाल मंदिर भी था और पहाड़ के ऊपर एक भरतकुंड था ।

नाग वासुकी मंदिर

यह मंदिर संगम के उत्तर में गंगा तट पर दारागंज के उत्तरी कोने में स्थित है । यहाँ नाग राज, गणेश, पार्वती और भीष्म पितामाह की एक मूर्ति हैं ।परिसर में एक शिव मंदिर है।नाग- पंचमी के दिन एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।

मनकामेश्वर मंदिर

यह मिंटो पार्क के पास यमुना नदी के किनारे किले के पश्चिम में स्थित है । यहाँ एक काले पत्थर की शिवलिंग और गणेश और नंदी की प्रतिमाएं हैं । हनुमान की भव्य प्रतिमा और मंदिर के पास एक प्राचीन पीपल का पेड़ है । यह प्राचीन शिव मंदिर इलाहाबाद के बर्रा तहसील से 40 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित है । शिवलिंग सुरम्य वातावरण के बीच एक ८० फुट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थापित है । कहा जाता है कि शिवलिंग ३.५ फुट भूमिगत है और यह भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था । यहाँ कई विशाल बरगद के पेड़ और मूर्तियाँ हैं ।

पड़ला महादेव

यह फाफामऊ सोरों तहसील के उत्तर पूर्व में स्थित है ।यह पूरी तरह से पत्थर से निर्मित है और यहाँ कई मूर्तियाँ हैं । यहाँ शिवरात्रि और फाल्गुन के महीने में एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है ।

श्रृंगवेरपुर

यह सोरांव तहसील में इलाहाबाद - लखनऊ राजमार्ग पर इलाहाबाद से ३३ किमी की दूरी पर स्थित है। इसका आधिकारिक नाम सीगरौर है । यह श्रृंगी ऋषि का आश्रम था ।यहाँ श्रृंगी ऋषि और शांता देवी का एक मंदिर है । निषाद राजा गुह के किले के अवशेष भी यहां हैं। राम, लक्ष्मण और सीता अयोध्या से निर्वासन के समय कुछ देर के लिए यहाँ ठहरे थे और केवट से नाव से गंगा नदी पार करने के लिए पूछा था । कई धार्मिक ग्रंथों और दस्तावेजों में श्रृंगवेरपुर का वर्णन मिलता है । यह संभवत: सूरज की पूजा का एक केंद्र था ।

ललिता देवी मंदिर

यह मीरपुर इलाके में स्थित है और १०८ फुट ऊँचा है । मंदिर परिसर में एक प्राचीन पीपल का पेड़ और कई मूर्तियां हैं ।इसे सिद्ध ५१ शक्तिपीठ के बीच में गिना जाता है ।

लाक्ष्य गृह

यह कहा जाता है कि कौरव राजा दुर्योधन ने पांडवों को जाल में फसाने और उन्हें समाप्त करने के लिए इसे बनाया था हालांकि, विदुर, जो कि एक गुप्त द्वार से भाग निकले थे उन्होंने पांडवों को सतर्क कर दिया था। यह गंगा नदी के तट पर हंडिया के ६ किमी दक्षिण में स्थित है ।

अलोपी देवी मंदिर

यह प्राचीन मंदिर अलोपीबाग दारागंज इलाके के पश्चिम में स्थित है ।मंदिर के गर्भगृह में एक मंच है वहाँ एक रंग का कपड़ा है ।भक्त यहाँ श्रद्धा का भुगतान करते हैं । यह शक्तिपीठों में से एक कहाँ जाता है और एक बड़े मेले का आयोजन नवरात्रि के दौरान किया जाता है । वहाँ भगवान शिव और शिवलिंग की एक मूर्ति है ।

तक्षकेश्वर नाथ

तक्षकेश्वर इलाहाबाद शहर के दक्षिण में यमुना के तट पर दरियाबाद इलाके में स्थित भगवान शंकर का मंदिर है । यमुना नदी से थोड़ी दूर तक्षक कुंड है । ऐसी कथा प्रचलित है कि तक्षक नागिन भगवान कृष्ण द्वारा पीछा करने पर यहाँ आश्रय लिया था। यहाँ कई लिंग और बहुत सी मूर्तियाँ हैं । इसके अलावा हनुमान जी की भी मूर्ति है ।

समुद्र कूप

यह गंगा नदी के तट पर ऊँचे टीले पर स्थित है। इसका व्यास 15 फुट है । यह बड़े पत्थर से बनाया गया है। कहा जाता है कि यह राजा समुद्रगुप्त द्वारा बनाया गया था इसलिए इसका नाम समुद्र कूप है । ऐसा भी मानना है कि इसका जल स्तर नीचे समुद्र स्तर के बराबर है ।

सोमेश्वर मंदिर

यह यमुना नदी के तट पर किले के अंदर जमीनी स्तर के नीचे बना हुआ है ।यहाँ लंबे गलियारे है और केंद्र में एक शिवलिंग के साथ ४४ मूर्तियाँ हैं । यह १७३५ में बाजीराव पेशवा द्वारा पुनर्निर्मित किया गया और कुछ मूर्तियों को १७वीं या 18वीं सदी में निर्मित किया गया था ।कहा जाता है कि भगवान राम अपने निर्वासन के दौरान यहाँ आए थे ।

शीतला मंदिर

यह इलाहाबाद के ६९ किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है ।महान ऋषि संत मलूकदास कदा में १६३१ में पैदा हुआ थे, यहीं उनकी समाधि और आश्रम स्थित हैं ।यहाँ देवी शीतला का एक मंदिर और एक तालाब है ।यहाँ एक किले के खंडहर भी हैं ।

कल्याणी देवी

यहाँ यमुना की देवी कल्याणी देवी का एक मंदिर है ।यहाँ २० वीं सदी में निर्मित देवी और भगवान शंकर की मूर्तियाँ हैं ।

प्रभास गिरि

यह इलाहाबाद शहर के ५० किमी उत्तर में कौशाम्बी जिले के मंझनपुर तहसील में स्थित है ।कौशाम्बी से १० किमी दूर यह क्षेत्र, वत्स साम्राज्य की राजधानी थी । ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने तीर लगने के बाद इस सांसारिक दुनिया को यहीं पर छोड़ा था । यहाँ एक बड़ा जैन मंदिर है । यह जैन समुदाय के लिए तीर्थ है । यह क्षेत्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण क्षेत्र के रूप में संरक्षित है ।

शिवकुटी

गंगा के तट पर इलाहाबाद शहर के उत्तरी छोर पर शिवकुटी मंदिर और आश्रम है । १९४८ में स्थापित श्री नारायण प्रभु का आश्रम भी यही है ।लक्ष्मी नारायण मंदिर में संगमरमर की मूर्तियाँ हैं । यहाँ एक दुर्गा मंदिर भी है । यहाँ श्रावण के महीने में एक बड़े मेले का आयोजन होता है ।

कमौरी नाथ महादेव

यह सूरजकुंड इलाके के पास रेलवे कॉलोनी में स्थित है। १८५९ में इस मंदिर की वजह से रेलवे लाइन को विस्थापित करना पड़ा था ।यहाँ पंचमुखी महादेव की एक मूर्ति है ।

हाटकेश्वर नाथ मंदिर

यह इलाहाबाद शहर में शून्य सड़क पर स्थित है । यहाँ भगवान हाटकेश्वर सहित भगवान शिव की कई मूर्तियाँ हैं ।

कृष्णा परनामी भजन मंदिर

बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल ने परनामी संप्रदाय की शुरुआत की थी । यह मंदिर १७०० में बनाया गया था । यहाँ जन्माष्टमी पर एक विशाल मेला आयोजित किया जाता है ।

सुजावन देव

यह यमुना नदी के तट पर घूरपुर से ३ किमी पश्चिम में स्थित है । यहाँ शंकर और यमुना का एक मंदिर है ।

बरगद घाट शिव मंदिर

यह मंदिर मीरपुर के पास यमुना नदी के तट पर बरगद घाट पर स्थित है । यहाँ एक काले पत्थर का शिवलिंग और एक प्राचीन बरगद पेड़ (बरगद) है । पीपल के चार पेड़ और हनुमान जी की एक मूर्ति भी यहाँ है ।

सिद्धेश्वरी पीठ

यह इलाहाबाद शहर के बस स्टेशन के सामने सिविल लाइंस में स्थित है ।इस मंदिर में शंकर, अष्टभुजा देवी और हनुमान की मूर्तियाँ है ।

शंकर विमान मंडपम

यह भव्य मंदिर कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती की पहल पर बनाया गया और १९८६ में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती द्वारा इसका उदघाटन किया गया था ।यह द्रविड़ वास्तुकला शैली में निर्मित है। तीन मंजिला यह संरचना के १६ विशाल स्तंभों पर निर्मित है ।यह संगम के तट पर है । इसकी ऊंचाई १३० फीट है । इसका निर्माण १६ साल में पूरा किया गया था । यहाँ कामाक्षी, भगवान बालाजी और भगवान शिव की मूर्तियाँ हैं ।

शंकर मंदिर महावन

इस ऐतिहासिक मंदिर कोरों कौरहार सड़क पर मेजा तहसील में कोरों से ८ किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है ।भगवान शंकर का यह मंदिर एक तालाब के पास स्थित है ।यहाँ एक काले पत्थर की मूर्ति और एक प्राचीन पीपल वृक्ष है ।

वेणी माधव मंदिर

यह दारागंज इलाके में स्थित है । यहाँ राधा और भगवान कृष्ण की आकर्षक मूर्तियाँ हैं ।प्रयाग में १२ माधव देवताओं का उल्लेख मिलता है लेकिन दारागंज में संगम के करीब वेणी माधव मंदिर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है ।

दुर्वासा आश्रम

प्रयाग के पूर्व की ओर गंगा के तट पर ककरा कोतवा और हनुमान बाजार के ५ किमी दक्षिण में यह प्राचीन आश्रम स्थित है ।यहाँ ऋषि दुर्वासा की एक भव्य मूर्ति है । यहाँ सावन के महीने में मेला आयोजित किया जाता है ।

शंकर मंदिर

यह ११वीं सदी के कलचुरी साम्राज्य के दौरान बनवाया गया था । यह लाप्री नदी के पास स्थित है । यह एक जीर्णशीर्ण अवस्था में है ।यहाँ की मूर्ति को लखनऊ में राज्य संग्रहालय में रखा गया है ।

शीतला देवी

यह शक्तिपीठ इलाहाबाद से ५० किमी दूर बर्रा तहसील के तरहर क्षेत्र में स्थित है । वहाँ मसुरियां देवी की एक मूर्ति है । अगहन के महीने में यहाँ मेला आयोजित किया जाता है ।

गढ़वा

यह इलाहाबाद से ५० किमी दूर दक्षिण -पश्चिम की ओर जबलपुर सड़क पर स्थित है ।यहाँ एक प्राचीन किला और कई चन्द्रगुप्त युग मूर्तियाँ हैं ।

राधा माधव मंदिर

यह पुराने जी.टी. रोड पर मधवापुर में निम्बार्क आश्रम में स्थित है ।यहाँ राधा, कृष्ण, राम, लक्ष्मण और सीता की २०० साल पुरानी मूर्तियाँ हैं ।पत्थर की संरचना उत्तम है । और १९९२ में हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति यहां स्थापित की गयी थी ।

बाड़ी काली

यह देवी काली मंदिर मुट्ठीगंज इलाके में स्थित है । यहाँ सत्यनारायण, गणेश, हनुमान, शिव और शनिदेव की मूर्तियाँ हैं । यहाँ एक बलि कक्ष भी है ।

लोकनाथ मंदिर

यह पुराने लोकनाथ इलाके में स्थित है ।यहाँ एक शिवलिंग और कई देवी देवताओं की मूर्तियाँ है ।

कुनौरा महादेव

यह हंडिया बाजार के १२ किमी उत्तर में स्थित है ।यहाँ एक तालाब है इसी के पास एक हनुमान मंदिर और प्राचीन बरगद के पेड़ के पास एक प्राचीन शंकर मंदिर है ।

पत्थर शिवालय मंदिर

यह खुल्दाबाद सब्जी मंडी में पुराने जीटी रोड पर स्थित है ।यहाँ के मंदिर में काले पत्थर का शिवलिंग है।

बोलन शंकर मंदिर

यह मंदिर एक मेजा तहसील में विंध्य पहाड़ के पास स्थित तालाब के पास है । तालाब में पानी पहाड़ से आता है और यह तालाब कमल के फूलों से भरा है । तालाब के पास के कूप को बाणगंगा के रूप में जाना जाता है । माना जाता है कि अर्जुन ने दानव रानी हिडिम्बा की शुद्धि के लिए पहाड़ को फाड़ कर पानी निकाल दिया था ।यहाँ बहुत से जहरीले सांप पाए जाते हैं ।

Mahakumbh 2016 Ujjain Simhastha live photos

Ujjain Simhastha Mahakumbh 2016 live photos

Ujjain Simhastha Mahakumbh 2016

Simhastha Mahakumbh 2016 

Ujjain Simhastha Mahakumbh 2016
कुम्भ मेला पृथ्वी पर सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है । यह प्रत्येक १२वें वर्ष पवित्र गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम तट पर आयोजित किया जाता है। 
मेला प्रत्येक तीन वर्षो के बाद नासिक, इलाहाबाद, उज्जैन, और हरिद्वार में बारी-बारी से मनाया जाता है । इलाहाबाद में संगम के तट पर होने वाला आयोजन सबसे भव्य और पवित्र माना जाता है ।







 इस मेले में लाखो की संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होते है । ऐसी मान्यता है कि संगम के पवित्र जल में स्नान करने से आत्मा शुद्ध हो जाती है । संगम कुम्भ और अर्धकुम्भ के दौरान नदी के किनारे विशाल शिविर लगाये जाते हैं ।
Simhastha Kumbh Mahaparv” is one of the four “Kumbh Melas” celebrated as largest spiritual gathering on the planet earth. Simhasth Kumbh Mahaparv is rejoiced by taking holy dip on the banks of river Kshipra in Ujjain city of Madhya Pradesh State in India. Simhasth Kumbh Mahaparv event is based on the celestial line-up of planets and the signs of the Zodiac which occurs in every 12 years.
Ujjain Simhastha Mahakumbh 2016
Kumbh Mela 2016, a huge number of individuals done heavenly shower in Maharashtra. In India, Kumbh Mela Festival held at Prayag, Nasik, Haridwar, Ujjain. This time Kumbh Mela is being commended in Ujjain. It will be then ever. Over Millions of individuals are relied upon to take part. Kumbh Mela Live streaming will be appeared on Doordarshan. Kumbh Mela has begun from today and all the pooja and snan will be begun from today. 

Try not to miss anything, as the live broadcasting of Kumbh Mela will be appeared on Doordarshan. You can observe every one of the rituals, snan, events, celebrations, pooja and all together you can watch a large number of individuals occupied with Ujjain Kumbh Mela. 

Simhastha Live Coverage Ujjain Kumbh 2016 - How to Watch Online?

Ujjain Simhastha Mahakumbh 2016
Doordarshan (DD National) will be live broadcasting the Simhastha Kumbh Mela in Ujjain from 21 April. 

DD has been restricted in as the selective broadcasting partner during the current year's Simhastha Kumbh Mela. Near 40 DD cameras, will be covering the occasion live, with labor of 200. Doordarshan will share clean encourage to all national private TV slots. 
Ujjain Simhastha Mahakumbh 2016

Consistently, a studio investigation by a specialist will concentrate on all parts of the Kumbh Mela including the exploratory part and will offer a reasonable clarification and comprehension of the petitions and ceremonies performed. 




Ujjain Simhastha Mahakumbh 2016


Simhastha Mahakumbh 2016

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Simhastha Mahakumbh 2016

Simhastha Mahakumbh 2016

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How to reach Simhastha Mahakumbh 2016 

By Air
Via Indore – Devi Ahilyabai Holkar Airport (IDR) at Indore is the nearest airport to Ujjain, 55 km away. Indore is connected to major cities in India by air. It has direct air connectivity with New Delhi, Mumbai, Bhopal, Pune, Hyderabad, Nagpur, Raipur and Ahmedabad. Taxi services are available to reach Ujjain from Indore airport.

Via Bhopal – Raja Bhoj Airport (BHO) at Bhopal is 172 km away from Ujjain. Bhopal has daily flights to and from New Delhi and Mumbai.

By Train
Ujjain railway station is a major junction of Western railway zone. It has many long distance and direct trains to almost all parts of India. You can board direct trains to Delhi, Mumbai, Kolkata, Chennai, Jammu, Jodhpur, Jaipur Udaipur, Varanasi, Gorakhpur, Ratlam, Rajkot, Ahmedabad, Baroda, Pune, Gwalior, Bilaspur, Patna, Nagpur, Cochin, Hyderabad, Bangalore. Dehradun etc. During the period of Simhasth Kumbh Mahaparv, trains coming to Ujjain will be halted at flag stations that are of little distance of 10-12 kilometers. Railway will provide buses to reach Ujjain and Mela area. Necessary arrangements will be made for the comfort of passengers at the flag stations. You can book rail ticket through website  www.irctc.co.in. Some of the major rails from major cities are –
For Indore to Ujjain-
Malwa Express- Run for all days of week.
Udaipur city Express – Run for all days of week
Indb Rjpb Express- Run on Saturday only

For Nagpur to Ujjain-
AhilyaNagri Express – Run on Sunday Only
Nagpur Indore Express – Runs only on Monday.

For Jaipur to Ujjain-
Intercity Express – Run for all days of week
JP BPL Express – Run for all days of week
Etc.
So have a visit to Ujjain and make it a memorable trip of your life.

By Road
Buses: Ujjain is well connected by road. Regular bus services are available from Indore (55 km), Gwalior (450 km), Ahmedabad (400 km) and Bhopal (183 km) to Ujjain. Air-conditioned buses are also available in these routes. Ujjain has two bus stands; one is near railway station for Agar, Kota and Nagda routes and at Nanakheda area to Indore and Maxi routes. You can book bus tickets from online travel portals and online and off-line travel agents. (www.charteredbus.in, www.redbus.in)

Taxi: safe, quick and comfortable travel as Inter-city packages trips (outstation trips) is available to Ujjain by many branded pan India, regional and Indore city cab service operators. (www.olacabs.com, www.starcabservices.com, www.taxiindore.com, www.charteredbus.in, www.merucabs.com)


Main Bathing Dates for Ujjain Kumbh Mela- Main Schdule dates

22 April 2016 (Friday) Purnima – Full Moon (First Snan)
06 May 2016 (Friday) Vaishakh Krishna Amavasya
09 May 2016 (Monday) Shukla/Akshey Tritya (Second Snan)
11 May 2016 (Wednesday) Shukla Panchami
17 May 2016 (Saturday) Ekadashi & Pradosh Snan
21 May 2016 (Saturday) Purnima

Upcoming Kumbh Mela Venues

2016 Haridwar Ardh Kumb Mela
2016 Ujjain (Simhastha) Kumbh Mela
2019 Allahabad Ardha Kumbh Mela
2022 Haridwar Kumbh Mela
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